Spread the love

प्रदीप कुमार
ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। तृतीय केदार तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर समस्याओं का अम्बार लगने का खामियाजा देश-विदेश सहित स्थानीय श्रद्धालुओं को भुगतान पड़ रहा है। चार धाम यात्रा शुरू होने से पूर्व शासन-प्रशासन द्वारा चार यात्रा को सुगम व सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लाखों दावे तो किये जाते हैं मगर चोपता-तुंगनाथ यात्रा पडा़वो पर समस्याओं का अम्बार लगने तथा जगह-जगह कूड़े के ढेर लगने से शासन-प्रशासन के दावों की पोल खुल गयी है। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन का जिम्मा सम्भालें केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की लापरवाही के कारण बुग्यालों में मानवीय आवागमन होने तथा पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर कूड़े के ढेर बुग्यालों की सुन्दरता धीरे-धीरे गायब होने से विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गयी है। बता दे कि तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट विगत 10 मई को ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे तथा मात्र आठ दिनों में तुंगनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 11 हजार के पार पहुंच गया है। चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग पर शौचालयों,प्रतिक्षालयों व पेयजल आपूर्ति सुचारू न होने का खामियाजा तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों,व्यापारियों व घोड़े-खच्चर संचालकों को भुगतान पड़ रहा है। पैदल मार्ग पर एक भी शौचालयों न होने के कारण महिला तीर्थ यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा वहां के प्राकृतिक सौन्दर्य को खासा नुकसान पहुंच रहा है। चार किमी पैदल मार्ग पर मात्र दो प्रतिक्षालय होने से तीर्थ यात्रियों को बारिश में भीग कर मंजिल कर पहुंचना पड़ता है। पैदल मार्ग सहित तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में पेयजल आपूर्ति ठप होने से तीर्थ यात्रियों व स्थानीय व्यापारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों में मानवीय आवागमन होने से बुग्यालों की सुन्दरता धीरे-धीरे गायब होने लगी है जबकि पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर कूड़े के ढेर लगने से तुंगनाथ धाम के आंचल में फैली प्रकृति को खासा नुकसान पहुंच रहा है। पहली बार नोएडा से तुंगनाथ यात्रा पर पहुंची रूचि मेहता का कहना है कि अन्य धामों की तर्ज पर तुंगनाथ धाम की व्यवस्थाओं के प्रति भी शासन-प्रशासन को गम्भीर होना चाहिए। चोपता के व्यापारी नितीन नेगी व अरविन्द राणा ने बताया कि चोपता में पेयजल आपूर्ति ठप होने से व्यापारियों को तीन किमी दूर भुनकना से वाहनों में पानी ढोकर अपना व्यवसाय संचालित करना पड़ रहा है! उन्होंने बताया कि चोपता बाजार में भी सुलभ शौचालय न होने से तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा पार्किंग की व्यवस्था न होने से जाम की स्थिति बनी रहती है।

By Shikhar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp